12 कोइ कहैछै, “सबकुछ करैके लेल हमरा अधिकार छै”, महज सब बात हमर लेल भलाइके नै छै। कहैले त हम्हु सकतियै, “सबकुछ करैके लेल हमरा अधिकार छै” महज हम ककरो दास नै बन्बै।
तैखातिर मुरुतिके चरह्याल खाइले मिलैछै कि नै मिलैछै तैके बारेमे हमसब जानैचियै कि, सन्सारके मुरती किछो नै चियै आ एक मातरे परमेस्वर बाहेक औरो कोइ नै छै।
अपनासबके यि बात थाहेछै कि बेबस्था त आत्मिक चियै कथिलेकी यि परमेस्वरसे आबल छै। महज हम देहके पाप स्वभाब अनुसार चलैबला आ दास जखा पापमे बेचलगेल लोक चियै।
यदि तोरासबसे औरो परचार करैबलासब मुनासिब हकके दाबी करैछौ त कि हमरासबके झन बेसी हक नै छै? महज यि हक हमसब उपयोग नै करनेचियै। खिरिस्टके सुसमाचार सुनाबैले कोनो बाधा नै हेबे कैहके सबकुछ सैहके रहैचियै।