48 लोकां री भीड़ सै जे क्रूसा रिया सजा जो देखणे खातर कट्ठा हुईरी थी, सै तिसा सारिया घटना जो देखीने बौहत दुखी हुये कने घरा जो वापस चलिये।
पर तिने चुंगी लेणे औल़े माहणुये दूर खड़ा हुईने, स्वर्गा खौ देखणा बी नीं चाहया बजाय इसरे, सै अपणी छात्तिया पिटदे-पिटदे बड़ा दुखी हुईने बोलणे लगया, “हे परमेशर, माह पर दया कर, काँह्भई हऊँ पापी आ।
तां सुणने औल़यां लोकां जो ये विश्वास हुईग्या था भई तिन्हें कोई गल़त काम्म कित्या, कने सै पतरस कने प्रेरितां ते पुछणे लगे, “हे भाईयो, अहें क्या करिये?”
रोंदे कने बिलाप करदे लोकां ने सै घर भरीगरा था, पर यीशुये गलाया, “रोणा बंद करा! सै मरीरी नीं; सुतिरी।”