रोमियों 7:5 - गढवली नयो नियम5 किलैकि जब हम अपड़ा पापी स्वभाव का कब्जा मा छा, व्यवस्था का द्वारा जाग्रत पापमय इच्छा हमारा देह मा काम कनि छै, मौत का फल पैदा कनु कु हमारा देह का अंगों मा काम करदी छै। Gade chapit laGarhwali5 इलै जब हम ईं दुनियां की रीति-रिवाजों का मुताबिक जीवन जीणा छा त हम पाप पर पाप करदी जाणा छा, अर परमेस्वर का नियम-कानूनों का द्वारा ही हमतै पता चलि कि पाप हमरा जीवनों मा काम करदु, अर वेको नतीजा मौत च। Gade chapit la |
मतलब जथग लोग मूसा द्वारा लिखीं परमेश्वर की व्यवस्था का कामों पर भरोसो रखदींनि, उ पिता परमेश्वर का श्राप का अधीन छिनी, किलैकि पिता परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च, “जु कुई मूसा द्वारा लिखीं परमेश्वर की व्यवस्था कि किताब (चाम्रपत्र) मा लिख्यां सभि बातों तैं कन मा स्थिर नि रौंदो, ऊं पर पिता परमेश्वर कु दंड च।”
मेरा द्वारा गुलामी कु विचार कु इस्तेमाल कनु को कारण यु च कि जु मि तुम तैं सिखांणु छों वे तैं तुम आसानी से समझी साका। जन तुम ल अपड़ा देह का अंगों तैं मनिख्युं कु अधर्म का कारण अपवित्र अर कुकर्म का गुलाम कैरी कै सौपैले, उन ही अब अपड़ा अंगों तैं पवित्रता कु धर्मी जीवन जींणु कु गुलाम कैरी कै सौंपी द्या।