यरूशलेम शहर की मण्डलि का ऊं अगुवों ल मेरी शिक्षाओं मा कुछ भि नि जोड़ी। ईं बात बट्टी मि तैं कुई फर्क नि पुड़दो कि उ अगुवा कु छिनी, किलैकि पिता परमेश्वर आदिम की सकल देखि के न्याय नि करद।
अर ऊंल अपड़ा चेलों तैं हेरोदियों मा यु बुल्णु कु भेजि कि, “हे गुरु हम जंणदा छा कि तुम हमेशा सच बुल्दियां अर परमेश्वर का बारा मा सचै से सिखांदि अर त्वे तैं कैकी कुई परवाह नि च किलैकि तु मनिख्युं का मुक देखि के बात नि करदी।
“हे गुरु हम जंणदा छा कि तुम हमेशा सच बुल्दियां अर कै से नि डरदयां की लोग क्य सुचला किलैकि तु सभियूं तैं समान आदर से चाहे उ कुई भि हो बरतौ करदी अर परमेश्वर कु बाटु सचै से बतौंदयां?”
जब तुम प्रार्थना करदा त तुम पिता परमेश्वर तैं अपड़ो पिता बुल्दा। पर याद रखा कि पिता परमेश्वर कै को पक्षपात नि करदो मतलब हर एक ल क्य-क्य कैरी। इलै जबकि तुम ईं धरती पर एक परदेशी हवे के रौंदा त तुम तैं ऊंका प्रति भौत सम्मान का दगड़ी रौंण चयणु च।