रोमियों 12:2 - गढवली नयो नियम2 अर ईं दुनिया का लुखुं का जन नि बंणा; पर अपड़ा सुचणा का ढंग तैं पिता परमेश्वर कु बदली द्या, ज्यां बट्टी तुम परमेश्वर की भलि, अर लुभौण, अर सिद्ध मनसा तैं मालुम करदी रावा। Gade chapit laGarhwali2 अर सुणा, तुमतै ईं दुनियां का मुताबिक अपणु जीवन नि जीण चयेणु, पर पिता परमेस्वर का द्वारा तुम अपणा मन तैं नयू बणै के अपणा चाल-चलन तैं बदला। तब जैके तुम पिता परमेस्वर की मनसा तैं जाणि सकिल्या, कि कु जि बात वेतैं अच्छी लगदिन, अर कु जि बात छिन जु कि स्वीकार करण लैख छिन जौं मा कुछ भि गळत नि हो। Gade chapit la |
लोग दुनिया की दुष्टता बट्टी बच निकलीनि जब ऊंल यीशु मसीह तैं अपड़ा प्रभु अर उद्धारकर्ता का रूप मा जांणि। पर अब एक बार फिर उ बुरा काम कन मा लुप्त हवे गैनी अर उ बुरा काम अब ऊं तैं वश मा करदींनि, इलै अब मसीह तैं अस्वीकार कना का बाद ऊं की अंतिम दशा ऊंका विश्वासी बनण से पैली की स्थिति बट्टी भि बुरी हवे गै।
तुम जंणदा छा कि पिछला बगत मा तुम एक निकम्मा ढंग ल जीवन जींणा छा, एक इन ढंग ल जु ऊं लुखुं का द्वारा तुम तैं दिये गै जु तुम बट्टी पैली रौंदा छा। पर तुम तैं वे बेकार जीवन बट्टी छुड़ै गै। तुम तैं सोना या चाँदी जन नाश हूंण वली चीजों बट्टी नि खरीदे गै, पर मसीह का बहुमूल्य ल्वे बट्टी, जु एक शुद्ध अर सिद्ध चिनखा का जन छो।