रोमियों 1:11 - गढवली नयो नियम11 किलैकि मि तुम बट्टी मिलणै कि इच्छा करदु, कि मि पिता परमेश्वर की कृपा बट्टी तुम तैं कुछ आत्मिक वरदान दयूं ज्यां बट्टी तुम मजबूत हवे जावा, Gade chapit laGarhwali11 किलैकि मितैं तुम बटि मिलण कि भौत मनसा च, ताकि तुमतै परमेस्वर की तरफा बटि कुई आसिरबाद दे सैकु, ज्यां से कि तुम और भि जादा मजबूत ह्वे जा। Gade chapit la |
मि या छुटी सी चिठ्ठी सिलवानुस (सिलास) का मदद ल लिखणु अर तुम तैं भिजणु छो। मि वे तैं मसीह मा एक विश्वासयोग्य भैय का रूप मा मंणदु छो। मेरू यु तैं लिखणौं को उद्देश्य तुम तैं उत्साहित कन अर तुम तैं आश्वस्त कन कि जु कुछ भि तुम अनुभव कना छा उ वास्तव मा तुम्हरा प्रति पिता परमेश्वर की कृपा को हिस्सा च। ईं कृपा मा स्थिर रावा।
पिता परमेश्वर जु पूरा ढंग से कृपा करद च, वेल हम तैं मसीह यीशु का दगड़ी कठा कना का कारण स्वर्ग मा पिता परमेश्वर की अनन्त महिमा मा सहभागी हूंणु कु हम तैं चुणि। तुम्हरा थोड़ा बगत कु दुःख सौणा का बाद, पिता परमेश्वर तुम तैं अच्छो बणै दयालो कि तुम मा फिर कुई भंगार नि रौ अर उ तुम्हरा दिलों तैं मजबूत करलो अर वे पर तुम्हरा विश्वास तैं हकीकत मा मजबूत बणै दयालो।
जब भि कुई तुम मा आंदो अर तुम तैं कै दुसरा एक यीशु का बारा मा बतांद जैको प्रचार हम ल नि कैरी त तुम वे नया आदिम तैं स्वीकार कनु कु भौत उत्सुक रौन्दियां; उ यीशु मसीह नि च जैका बारा मा हम ल तुम तैं बतै छो; अर तुम खुश हवे के वे पर ध्यान दींद जब तुम तैं एक इन आत्मा अर शुभ सन्देश मिल्दो जु वे आत्मा अर संदेश का जन नि च जु हम तुम मा लौंदियां त तुम गलत ढंग ल यु तैं पूरा मन से स्वीकार करदा।