दिब्य दरस 9:14 - गढवली नयो नियम14 अर आवाज ल छठवां दुष्टदूतों बट्टी बोलि, जौको तुरही तैं पकड़यूं छो, “अब ऊं चार स्वर्गदूतों तैं खोल दे जु फरात नौं की बड़ी गाड का छाला पर बंधयां छिनी।” Gade chapit laGarhwali14 अर ईं आवाज न छटुं स्वर्गदूत कू इन बोलि कि, “ऊं चार स्वर्गदूतों का बन्धनों तैं खोली दे, जु फरात गाड का नजदीक बन्धयां छिन।” Gade chapit la |
यांका बाद, मिल चार स्वर्गदूतों तैं दुनिया का चरी कूंणों पर खड़ो देखि। ऊं स्वर्गदूतों तैं दुनिया तैं विपत्तियों बट्टी नुकसान पौछांण को पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी अधिकार मिल्युं छो, चाहे उ समुन्द्र मा हो या धरती पर ऊंल दुनिया का चौ तरपां बट्टी डालों पर की हवा तैं रोक दींनि, कि समुन्द्र मा, अर धरती पर अर जंगल पर हवा नि चलो। मिल एक और स्वर्गदूत तैं पूर्व दिशा मा प्रकट हूंण देखि। वेमा पिता परमेश्वर की तरपां बट्टी एक मुहर छै जु हमेशा ज्यूँदो च, वे स्वर्गदूत ल ऊंची आवाज बट्टी ऊं चार स्वर्गदूतों तैं पुकारी अर बोलि,