दिब्य दरस 5:11 - गढवली नयो नियम11 जब मिल फिर से देखि, त अचानक से मिल लाखों लाख स्वर्गदूतों की आवाज सूंणि, ऊं तैं गिणै नि जै सकद छो। उ राजा का वे सिंहासन का, ऊं चार ज्यून्दा प्राणियों का अर ऊं चौबीस दाना-सयाणों का चौ तरपां छा। Gade chapit laGarhwali11 तब मिन भौत स्वर्गदूतों की आवाज सुणी, जौं तैं गिणै नि जै सकदु, लाखों अर करोड़ो स्वर्गदूत। यू स्वर्गदूत राजगद्दी का अर चार ज्यून्दा पराणों, अर ऊं अध्यक्षों का चौतरफि खड़ा होयां छा। Gade chapit la |