दिब्य दरस 2:10 - गढवली नयो नियम10 ऊं दुखों बट्टी नि डैर जु त्वे तैं मिललो। शैतान लुखुं बट्टी तुम मा से कुछ तैं गिरफ्तार करालो अर तुम तैं कैद मा डलै जालो कि उ तुम्हरी अजमैश कैर साक। तुम दस दिनों तक बड़ी मुसिबतों कु अनुभव करली। पर मि पर विश्वास कन कभी नि छोड़ी, चाहे मुरण भि पोडो, किलैकि मि त्वे तैं तेरु जीत का प्रतिफल का रूप मा अनन्त जीवन दयुलु। Gade chapit laGarhwali10 अर सुणा, जु दुख-तकलीफ तुम पर औणिन ऊं बातों से नि डौऽरा, किलैकि शैतान तुम मा बटि कुछ लोगु तैं जेलखाना मा डलवै द्यालु, ताकि तुम पूरि तरौं से परखै जा। अर दस दिनों तक तुमतै भौत पीड़ा दिये जालि, मगर अपणी आखिरी सांस तक तुम भरोसेमन्द बणयां रयां, अर मि तुमतै जीवन को मुकुट द्यूलु। Gade chapit la |
मि जंणदु छो कि तेरु शहर शैतान का वश मा च, पर यांका बावजूद तिल मि पर अपड़ा विश्वास तैं कसी के पकड़ी के रखि अर तिल मेरी शिक्षाओं तैं नि छोड़ी, इख तक कि तब भि न जब भौत बगत पैली अन्तिपास की हत्या किये गै छै। उ मेरा वचनों का प्रचार कन मा विश्वासयोग्य छो, इलै वे तैं तेरा शहर मा मरै गै जु शैतान का वश मा च।