दिब्य दरस 19:6 - गढवली नयो नियम6 फिर मिल जु सूंणि व भौत बड़ी संख्या लुखुं का चिल्लांण का जन लगद छै। यु एक बड़ा झरना की आवाज का जन जोरदार छो अर बादल का गिगडांण का जन छो। ऊंल बोलि, “परमेश्वर की स्तुति हो! सर्वशक्तिमान पिता परमेश्वर हमारो राजा च।” Gade chapit laGarhwali6 फिर मिन बड़ी भीड़ की आवाज सुणी, ज्वा की तेज लैरों का जन अर बादळों की गगड़ाट की तरौं छै अर ऊंन बोलि, “हाल्लेलूय्याह, हमरु प्रभु परमेस्वर न जु की सर्वसक्तिमान च वेन राज करण शुरु कैरियाली। Gade chapit la |
फिर मिल स्वर्ग मा बट्टी यु बड़ो शब्द आंद सूंणि, अब हमारो पिता परमेश्वर अपड़ा विश्वासी लुखुं तैं उद्धार दयालो! अब उ अपड़ी सामर्थ को इस्तेमाल करलो अर राजा का रूप मा काम करलो! अब वेको मसीह दुनिया पर अपड़ो अधिकार को दावा करलो! किलैकि अब शैतान हमारा पिता परमेश्वर की उपस्थिति मा खड़ो हवे के हमारा दगड़िया सेवकों पर दिन-रात भंगार नि लगालो। किलैकि वे तैं स्वर्ग का राज्य बट्टी भैर फेंके द्ये गै!