दिब्य दरस 19:20 - गढवली नयो नियम20 अर उ दुसरो जानवर अर वेका दगड़ी उ झूठो संदेश दींण वलो जु अफ तैं पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वलो बुल्द पकड़ै गै, वेल जानवर का तरपां बट्टी झूठा चमत्कार दिखै अर ऊं सभि लुखुं तैं भरमै, जौनु जानवर की छाप अपड़ा कपाल पर लगै छै अर जु वेकी मूर्ति की आराधना करदा छा, यु द्वी ज्यूंदा ही वीं आग की झील मा, जु गन्धक ल जल्दींनि डलै गैनी। Gade chapit laGarhwali20 तब दैंत पकड़ै गै, अर वेका दगड़ा-दगड़ि झूठ्ठु रैबर्या भि पकड़ै गै जु की दैंत का द्वारा चमत्कार दिखै के लोगु तैं भरमै देन्दु छौ। अर यू वु लोग छा जु कि मूरत की पूजा करदा छा अर ऊं पर दैंत की मोर लगीं छै, तब यों दुईयों तैं ज्यून्द ही वीं आग की झील मा डळै गै, ज्वा कि गंधक से जगणी रौन्दी। Gade chapit la |
पर जु मि पर विश्वास नि रखदींनि, ऊं तैं जोर जबरदस्ती ल गन्धक ल जलांण वली वीं झील मा शामिल किये जालो, जु कि दुसरी मौत च अर यु ही परिणाम ऊंको भि होलो, जु लुखुं का संमणी मि तैं स्वीकार कन से डरदींनि, बुरा काम करदींनि, जु हत्यारा छिनी, यौन रूप बट्टी अनैतिक छिनी, जादु-टूणा करदींनि अर मूर्तियों की पूजा करदींनि अर झूठ बुल्दींनि।”