दिब्य दरस 18:23 - गढवली नयो नियम23 फिर कभी भि लोग त्वे मा एक दिवडा की रोशनी तैं चमकद नि दिखला; फिर कभी भि उ ब्यो हूंण वला एक आदिम अर जनन की आवाज नि सुणला। उख का व्यापारी पूरी दुनिया मा सबसे जादा शक्तिशाली छा अर दुनिया की सभि जातियों तैं उख का जादूगरों का द्वारा लुखुं तैं धोखा दिये गै। Gade chapit laGarhwali23 अर ना ही त्वेमा फिर कभि द्यू को उज्याळु चमकळु, अर ना ही त्वेमा ब्यौला अर ब्यौलि की आवाज सुण्यालि। अर यू सब इलै होलु किलैकि तेरा दगड़ा मा व्यापार करण वळा धरती का परधान छा, अर तेरा जादु का द्वारा सब जाति का लोगु तैं भरमै गै छौ। Gade chapit la |
पर जु मि पर विश्वास नि रखदींनि, ऊं तैं जोर जबरदस्ती ल गन्धक ल जलांण वली वीं झील मा शामिल किये जालो, जु कि दुसरी मौत च अर यु ही परिणाम ऊंको भि होलो, जु लुखुं का संमणी मि तैं स्वीकार कन से डरदींनि, बुरा काम करदींनि, जु हत्यारा छिनी, यौन रूप बट्टी अनैतिक छिनी, जादु-टूणा करदींनि अर मूर्तियों की पूजा करदींनि अर झूठ बुल्दींनि।”