दिब्य दरस 18:16 - गढवली नयो नियम16 “हाय! हाय! यु बड़ो शहर जु मलमल, बैंगनी, लाल रंग का कपड़ा पैरयूं छो, अर सोना, रत्नों अर मोतियों बट्टी सज्यूं छो; Gade chapit laGarhwali16 “‘हे बड़ा नगर, त्वे पर हाय च, तू जु मखमल, बैंगनि अर लाल रंग का कपड़ा पैरदी, अर सोना, मोति अर मणियों का द्वारा भौत अच्छे से सजीं छैई, Gade chapit la |
तब पवित्र आत्मा की मदद से, स्वर्गदूत मि तैं एकांत जंगल मा ली गै, आत्मा ल मि तैं अपड़ा वश मा लींनि, अर स्वर्गदूत ल मि तैं एक एकांत जंगल मा पौंछै, अर मिल उख मा एक जनन तैं देखि जु एक जानवर पर सवार छै अर जु लाल रंग को छो। वेका सात मुंड अर दस सींग छा। वेको देह ऊं नौं बट्टी ढकयूं छो जु पिता परमेश्वर की बुरै करदो छो।