दिब्य दरस 14:15 - गढवली नयो नियम15 तभि एक और स्वर्गदूत जु कि चौथो स्वर्गदूत च जु पिता परमेश्वर का संदेश तैं ले के स्वर्गीय मन्दिर बट्टी भैर ऐ। वेल बादल पर बैठयूं आदिम तैं जोर दे के बोलि, “धरती की फसल पक्की के तैयार हवे गै। इलै अब अपड़ो दथड़ो चलो, अर फसल काट।” Gade chapit laGarhwali15 तब स्वर्ग का मन्दिर बटि एक स्वर्गदूत निकळि, अर वेन ऊँची आवाज मा वेकू बोलि जु बादळ मा बैठयूं छौ, “अपणु दथड़ु उठौ अर लवै कैर, किलैकि लवै को बगत ऐ गै अर धरती की फसल पक्की गै।” Gade chapit la |
अर फिर सात स्वर्गदूत जौं तैं आखरी सात विपत्तियों तैं लेकर जांण छो, वे स्वर्गीय मन्दिर बट्टी भैर निकलनी। उ चमकदार सफेद कपड़ा पैरयां छा अर ऊंकी छती का चौ तरपां सोना की पट्टियां भि छै। फिर चार ज्यून्दा प्राणियों मा बट्टी एक ल ऊं सात स्वर्गदूतों तैं पिता परमेश्वर की तरपां बट्टी जु हमेशा ही ज्यूँदो च, भयानक दण्ड बट्टी भुरयां एक-एक सोना को कटोरा द्ये।