दिब्य दरस 13:1 - गढवली नयो नियम1 मिल एक जानवर तैं समुद्र मा बट्टी निकलद देखि, येका सात मुंड छा अर दस सींग छा अर वेका हर एक सींग पर राजमुकुट छा, अर वेका हर एक मुंड पर एक नौं लिख्युं छो जु पिता परमेश्वर की एक बुरै (निंदा) छै। Gade chapit laGarhwali1 तब मिन समुन्दर मा बटि एक दैंत तैं निकळद देखि, वेका दस सींग अर सात मुण्ड़ छा। अर वेका दसी सींगों पर दस मुकुट छा, अर वेका मुण्ड़ो पर परमेस्वर की बुरै करण वळा शब्द लिख्यां छा। Gade chapit la |
तब पवित्र आत्मा की मदद से, स्वर्गदूत मि तैं एकांत जंगल मा ली गै, आत्मा ल मि तैं अपड़ा वश मा लींनि, अर स्वर्गदूत ल मि तैं एक एकांत जंगल मा पौंछै, अर मिल उख मा एक जनन तैं देखि जु एक जानवर पर सवार छै अर जु लाल रंग को छो। वेका सात मुंड अर दस सींग छा। वेको देह ऊं नौं बट्टी ढकयूं छो जु पिता परमेश्वर की बुरै करदो छो।
तब मिल कुछ देखि जु समुद्र का जन दिख्यौन्दु छो अर कांच का जन चमकणु छो अर वेमा आग भि मिल गै छै। मिल ऊं लुखुं तैं भि देखि जु जानवर बट्टी नि हारी छा। ऊंल जानवर की अर वेकी मूर्ति की आराधना नि कैरी छै, अर ऊं पर जानवर का नौं की संख्या कु चिन्ह नि लगै गै छो। उख उ वे समुद्र का छाला पर खड़ा छा अर ऊं सभियूं की एक वीणा पकड़ी छै जु पिता परमेश्वर की ऊं तैं दीं छै।