दिब्य दरस 12:4 - गढवली नयो नियम4 अर वेकी पूंछ ल आसमान का गैणों कु एक तिहाई हिस्सा तैं खैंचि कर धरती पर डाली दींनि, अर अजगर वीं जनन का संमणी खड़ो हवे गै कि वेका बच्चों तैं पैदा करद ही खै जौं। Gade chapit laGarhwali4 अर वेन अपणी पूंच से आसमान का गैंणो का तीन हिस्सों मदि एक हिस्सा तैं खैंची के धरती पर ढोळि दिनी। तब उ खुंखार रागस वीं जनानि का समणि खड़ु ह्वे गै, ज्वा कि बच्चा तैं जनम देण वळी छै, ताकि जब बच्चा को जनम हो, त उ वेतैं निगळी द्यो। Gade chapit la |
वेल वे अजगर तैं पकड़ी दींनि जु उखी छो जु भौत बगत पैली एक गुरो का रूप मा प्रगट हवे छो, जै तैं शैतान भि बुल्दींनि। वेल वे तैं संगलों ल बंधि अर अथाह कुण्ड मा फेंक दींनि। यांका बाद वेल ऊं तैं बंद कैर दींनि अर भितर जांणवला द्वार पर मोहर लगै दींनि कि एक हजार साल पूरा हूंण तक वेमा जाति-जाति का लुखुं तैं धोखा दींण कु कुई ढंग नि हो। जब उ पूरो हवे जालो त वे तैं दुबरा आजाद किये जालो, पर भस थोड़ा देर कु।