दिब्य दरस 12:15 - गढवली नयो नियम15 तब गुरो ल वीं जनन का तरपां अपड़ा गिचा ल गाड का समान पांणी उण्डेली कि बाड़ वीं तैं बुगै के ली जौं। Gade chapit laGarhwali15 तब वे खुंखार रागस न वीं जनानि का पिछनै अपणा गिच्चा से गाड जन पाणि बुगै, ताकि वा जनानि पाणि मा बोगि के मोरि जौ, Gade chapit la |
वेल वे अजगर तैं पकड़ी दींनि जु उखी छो जु भौत बगत पैली एक गुरो का रूप मा प्रगट हवे छो, जै तैं शैतान भि बुल्दींनि। वेल वे तैं संगलों ल बंधि अर अथाह कुण्ड मा फेंक दींनि। यांका बाद वेल ऊं तैं बंद कैर दींनि अर भितर जांणवला द्वार पर मोहर लगै दींनि कि एक हजार साल पूरा हूंण तक वेमा जाति-जाति का लुखुं तैं धोखा दींण कु कुई ढंग नि हो। जब उ पूरो हवे जालो त वे तैं दुबरा आजाद किये जालो, पर भस थोड़ा देर कु।