दिब्य दरस 12:12 - गढवली नयो नियम12 “तुम सब जु स्वर्ग मा रौंन्दा, तुम तैं खुश हूंण चयणु च। पर तुम जु धरती पर अर समुद्र मा रौंन्दा, भयानक ढंग से पीड़ित होला किलैकि शैतान तुम मा मूड़ी ऐ, अर वेको मन भौत गुस्सा च किलैकि उ जंणदु च कि वेमा काम कनु कु जादा बगत नि च।” Gade chapit laGarhwali12 इलै हे स्वर्ग मा रौण वळा दूतों, खुशी मणा। पर हे धरती अर समुन्दर तुम पर हाय च, किलैकि शैतान बड़ु गुस्सा ह्वेके तुमरा पास मूड़ी औणु च, अब वेतैं पता चलि गै कि अब वेको बगत कम ही रै गै।” Gade chapit la |