दिब्य दरस 1:18 - गढवली नयो नियम18 मि एक बार मोरि ग्यों। पर अब मि ज्यूँदो छो अर मि हमेशा ज्यूँदो रौलु; अर मि मा अधोलोक की चाबी च जु मि तैं वीं जगह तैं खुलणै की शक्ति दींद जख मुरयां लोग छिनी अर ऊं तैं दुबरा ज्यूँदो कने की शक्ति दींद। Gade chapit laGarhwali18 अर मि ज्यून्द छौं। मि मोरि गै छौ मगर देख, अब मि हमेसा-हमेसा खुणि ज्यून्दु छौं, अर मि मा मौत अर अधलोक की चाबी छिन। Gade chapit la |
फिलदिलफिया शहर की मण्डलि का दूत तैं लिख; मि ही उ छो जु पवित्र अर सचै छो, जै मा उ चाबी च जु राजा दाऊद की च। जब मि वीं चाबी तैं लींदु छो अर एक द्वार तैं खुलद त कुई भि वे तैं बंद नि कैर सकद, अर जब मि चाबी लींदु अर एक द्वार बंद कैरी दींदु त कुई भि वे तैं खोल नि सकद, जैका खुल्यां तैं कुई बन्द नि कैर सकद अर बन्द करयां तैं कुई खोल नि सकद, उ यु बुल्द,
तब मिल एक फीका पुडयूं हरयां रंग को घोड़ा देखि; अर वेका सवार को नौं मौत छो; अर अधोलोक वेका पिछने-पिछने चलणु छो अर ऊंल धरती पर रौंण वला हर एक चार लुखुं मा बट्टी एक तैं मरणों को अधिकार मिल्युं छो, अर ऊंल, लुखुं तैं तलवार से, भूख से अर बुरी-बुरी बिमारियों से अर ऊंल ऊं तैं जंगली जानवरों बट्टी भि मरवै डाली।