4 अर बुतुण बगत कुछ बीज त बट्टा का किनारा पर छिलरेनी अर चलखुडों ल ऐ के ऊं बीजों तैं खै दींनि।
4 अर जब उ बीज बुतणु छौ, त कुछ बीज बाटा का किनरा पोड़ीनी, अर पंछियों न ऐके ऊंतैं चुगि दिनी।
जु कुई परमेश्वर को वचन सूंणि के नि संमझुदो वेका मन मा जु कुछ बुतै गै छो वे तैं उ दुष्ट शैतान ऐ के लूछि के लिजांदु यु उ ही च जु बट्टा किनारा बुतै गै छो।
कुछ लोग वे बट्टा जन छिन जख कि वचन को बीज बुतै जांद उ यु छिनी कि जब ऊंल सूंणि त शैतान तुरंत ऐ के वे वचन तैं जु ऊंमा बुतै छो उठै के ले के चलि जांदु।
अर बुतुण बगत कुछ बीज त बट्टा का किनारा पर छिलरेनी अर आकाश का चलखुडों ल ऐ के ऊं बीजों तैं खै दींनि।
बट्टा का किनारा का यु छिन जौं ल वचन सूंणि तब शैतान ऐ के ऊंका मन बट्टी वचन चुरा लिजांदु कि कखि इन नि हो कि उ विश्वास कैरी के उद्धार पौनु।
“एक बुतै कन वलो बीज बुतुणु कु अपड़ा पुंगडा मा गै। अर बुतुण बगत कुछ बीज त बट्टा का किनारा पर छिलरेनी अर रौंदे गैनी अर आसमान का चलखुडों ल ऐ के ऊं बीजों तैं खै दींनि।”
सूंणा एक बुतै कन वलो बीज बुतुणु कु अपड़ा पुंगडा मा गै।
अर कुछ बीज पथरीली जगह पर छिलरेनी जख ऊं तैं जादा माटो नि मिली अर गैहरु माटो नि मिलण का वजह से जल्दी जमि गैनी।