मत्ती 5:5 - गढवली नयो नियम5 “धन्य छिन उ जु नम्र छिन, किलैकि उ पूरी धरती तैं प्राप्त करला।” Gade chapit laGarhwali5 “धन्य छिन ऊ, जु नमर सभौ का छिन, किलैकि ऊ ईं धरती का अधिकारी होला। Gade chapit la |
पर अपड़ा मनों मा मसीह कु आदर-सत्कार रखा, अर प्रभु का रूप मा वे तैं सम्मान द्या, अर हमेशा हर कै तैं जवाब दींणु कु तैयार रावा जु तुम बट्टी वीं आस तैं समझणु कु पुछदींनि जु सैरा विश्वासी कठ्ठा करदींनि, पर यु तुम नम्र अर सम्मान का दगड़ी कैरा। हमेशा उ ही कैरा जु सही च। फिर जु लोग तुम्हरा विरुद्ध बुरो बुल्दींनि, त उ ही शर्मिंदा होला जब उ मसीह का दगड़ी तुम्हरा सम्बंध का कारण तुम्हरो अच्छो बरतौ तैं दिखला।