मत्ती 27:4 - गढवली नयो नियम4 अर बोलि निर्दोष आदिम तैं मरणु कु पकड़वै के पाप कैरी पर ऊंल बोलि यां बट्टी हमारो कुई लींण दींण नि च या त तेरी आफत च अर तु जांण। Gade chapit laGarhwali4 अर वेन ऊंकू बोलि, “मिन एक निरदोष मनखि की मौत खुणि वेका दगड़ा मा बिस्वासघात कैरिके पाप कैरियाली,” पर ऊंन वेकू बोलि, “हमतै ईं बात से कुई भि मतलब नि च, तू खुद ही निस्तारि ले।” Gade chapit la |