मत्ती 13:12 - गढवली नयो नियम12 किलैकि जै मा थोड़ी भि मेरी बातों तैं समझणै की इच्छा छैं च वे तैं और दिये जालि अर वेमा भौत हवे जलो पर जै मा थोड़ा भि नि च वेमा बट्टी उ भि लिये जालि जु वेमा छैं च। Gade chapit laGarhwali12 किलैकि जु कुई भि परमेस्वर का राज तैं बिंगणे की इच्छा रखदु, वेतैं वेका बारा मा बिंगण को और भि जादा ज्ञान दिये जालु। मगर जु मनखि इन सोचदु, कि मितैं भौत ज्ञान च, त वे बटि वु ज्ञान भि छिनै जालु। Gade chapit la |
इलै अब तू उन के नि जींदी जन तू शुरुआत मा जींदी छै। वेका बारा मा सोच। अब, त्वे तैं अपड़ा पापों बट्टी मुड़ी जांण चयणु च अर ऊं कामों तैं कन शुरू कन चयणु च जु तू शुरुआत का बगत मा करदी छै। अर मन फिरौ अर पैला का जन काम कैर; अर जु तू अपड़ो पापों बट्टी मन नि फिरौ अर अफ तैं नि बदलो त मि त्वे मा औलु अर जख मा तेरु दिवडो रख्युं च वे तैं उख बट्टी हटै के त्वे तैं दण्ड दयुलु।