53 पर ऊं लुखुं ल वे तैं औंण नि दींनि किलैकि उ यरूशलेम शहर कु जांणा छा।
53 मगर उखा लोगु न वेको स्वागत नि कैरी, किलैकि यीशु यरूशलेम नगर जाणु छौ।
वीं सामरी जाति की जनन ल वेमा बोलि, तु एक यहूदी छै अर मि एक सामरी जनन छों तु मि बट्टी पांणी किलै मंगणी छै? किलैकि यहूदियों अर सामरियों का दगड़ी कुछ भि बरतौ नि रखदा छा।
अर ऊं बट्टी बोलि, “जु कुई मेरा नौं से यु बच्चों तैं अपणांदु उ मि तैं अपणांदु।” उ मेरा भिजण वला तैं अपणांदु किलैकि जु तुम मा बट्टी सबसे छुटो से छुटो च उ ही बड़ो च।
हमारा सामरी पूर्वज परमेश्वर की आराधना करदा छा अर तुम यहूदी लोग बुल्दा छा कि व जगह जख भजन कन चयणु च व यरूशलेम शहर मा च।