पर पतरस ल बोलि, “हे हनन्याह किलै शैतान तैं तिल मौका द्ये कि उ तेरु दिल मा पवित्र आत्मा बट्टी झूठ बुल्णों को विचार डालो। किलै तिल वेकी बात सूंणि अर तिल अपड़ी बिकीं भूमि को एक भाग अफ कु रखि द्ये”
मि ऊं लुखुं तैं मारि दयुलु जु वींकी शिक्षाओं कु अनुसरण करदींनि, अर सैरी मण्डलि जांणि जाली कि मि ही छो जु हर एक आदिम का विचारों अर उद्देश्यों की अजमैश करदु। मि तुम मा बट्टी हर एक तैं ऊंका करयां कामों का अनुसार ईनाम दयुलु।
किलैकि पिता परमेश्वर कु वचन जीवन, सशक्त अर कै भि द्वी धार वली तलवार बट्टी भि जादा तेज च। व प्राण अर आत्मा तैं, मतलब की ग्रंथियों अर मज्जा का विच्छेद तक पहुचद अर हमारा मन का विचारों तैं परखद।
तब कई मूसा की व्यवस्था तैं सिखांण वला अर फरीसी अपड़ा मन मा विचार कन लगि गैनी कि यु मनिख इन कन कै बोलि सकदु? यु त परमेश्वर की बुरै कनु च भस परमेश्वर ही पाप माफ कैरी सकदु।