जब लुखुं ल यीशु को अपमान कैरी, त यीशु ल पलटी के ऊंको अपमान नि कैरी। जब लुखुं ल वे तैं दुःख द्ये, त वेल बदला मा ऊं तैं चोट पौछांणै की कोशिश नि कैरी। बल्कि, यीशु ल अपड़ी मदद कु पिता परमेश्वर पर विश्वास कैरी। उ जंणदु छो कि पिता परमेश्वर हमेशा न्यायपूर्ण ढंग से लुखुं को न्याय करद।
परमेश्वर का वचन को जु अध्याय उ पढ़णु छो वेमा इन लिख्युं छो; “उ बलि चढ़यां ढिबरा का जन पहुचये गै, अर जन ढिबरो अपड़ा ऊंल मुडांण का दफा कतनवला का संमणी चुपचाप खड़ी रौंदी, उन ही जब लुखुं ल वे तैं दुःख दींनि त वेल भि अपड़ो मुक नि खोलि,
वेल ऊंकु बोलि, जु वे आदिम जु एक शियाल का जन चालाक च बोल दियां कि देखि ले मि आज अर भोल दुष्टात्माओं तैं निकलणु छौं अर बिमारों तैं खूब कनु छौं, तिसरा दिन मा अपड़ा काम तैं पूरो कैरी दयुलु।
“उ लुखुं तैं परमेश्वर का सन्देश नि सुंणौ जु यु तैं सुनण नि चंदिनी पर तुम जब इन करद्यां त यु इन होलो जनकै पवित्र वस्तु तैं कुत्तों का अगनैं ढुलण अर जन सुंगरु का अगनैं मोती ढुलण जु भस वे तैं रौंदी दयाला अर फिर तुम पर हमला करला।”