31 इन ही कै जब तुम यूं बातों हूंण दिखल्या त जांणि लियां कि परमेश्वर कु राज्य नजीक च।
31 अर ठिक इन्नि जब तुम यों बातों तैं होन्द दिखल्या त समझि जयां कि परमेस्वर को राज नजदीक ऐ गै।
हे विश्वासी भयों, एक हैंका पर भंगार नि लगावा, ज्यां ल तुम पर भि भंगार नि लगाये जौं, देखा प्रभु को न्याय कनु को दिन नजदीक च।
“किलैकि परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च; अब भौत ही कम बगत रै गै, जबकि आंणवलो आलो, अर देर नि करलो।
सभि बातों कु अन्त तुरंत हूंण वलो च; इलै स्पष्ट रूप से सोचा अर अपड़ा आप तैं काबू मा रखि के प्रार्थना कु चौकस रा।
कि, “पापों तैं मांणी कै मन फिरावा किलैकि स्वर्ग कु राज्य नजदीक ऐ गै।”
मि तुम मा सच बुल्णु छौं जब तक यु सभि बात नि हवेलि तब तक ई पीड़ि कु अंत नि हूंण।