अर पिता परमेश्वर ऊंकी आँखों बट्टी सभि आँसूओं तैं फूंजी दयालो; अर कुई भि आदिम कभी भि दुःख महसूस नि करलो या रूलो न, किलैकि पुरणी दुनिया अब अस्तित्व मा नि च।”
उ अपड़ी वीं शक्ति का द्वारा ज्यां ल उ सब चीजों तैं अपड़ा वश मा करदो, वीं शक्ति का द्वारा उ हमारा कमजोर देह कु रूप बदली के अपड़ा प्रतापमय देह जन बंणै दयालो।
त यु मुर्दों का फिर से ज्यून्दो हूंणा का बगत भि होलो; जीं देह तैं उ खडयोंदा छिनी व एक इन देह च, ज्वा सैड़ी जांदी, पर जब उ ज्यून्दा हूंदींनि, त य एक इन देह होली, जु कभी भि नि सड़लि।
वेल मि कु बोलि, “मि तैं प्रणाम नि कैर। मि भस पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वलो एक सेवक छो अर तेरा विश्वासी भयों का जन जु ईं किताब (चाम्रपत्र) मा लिखीं अर यीशु का द्वारा प्रकट किये गै सच्ची शिक्षाओं पर विश्वास करदींनि अर मणदींनि। भस पिता परमेश्वर ही च जै की त्वे तैं आराधना कन चयणी च।”