लूका 2:34 - गढवली नयो नियम34 तब शमौन ल ऊं तैं आशीष दे के वेकी ब्वे मरियम मा बोलि, “उ त इस्राएल का लुखुं का घराना मा भौत लुखुं का विनाश अर उद्धार अर उ परमेश्वर की तरपां से एक चिन्ह का रूप मा भि जै गै छो, इलै भौत लोग वेको विरोध करला जैका विरोध मा बात किये जाली।” Gade chapit laGarhwali34 तब शमौन न ऊंतैं आसीस देके वेकी माँ मरियम कू बोलि, “सुण, यू बच्चा इस्राएली लोगु मदि भौत सरा लोगु खुणि दण्ड मिलण को, अर भौत सरा लोगु तैं बचयै जाण की वजा बणलु। अर यों बातों खुणि यू बच्चा एक चिन्न च, पर लोग येका खिलाप मा बुलला, Gade chapit la |
यु मलिकिसिदक शालेम शहर कु राजा अर सबसे बड़ा पिता परमेश्वर कु याजक छो; वेको नौं कु मतलब छो “न्याय का दगड़ी शासन कन वलो राजा” अर शालेम का राजा कु मतलब च “शान्ति कु राजा” जब अब्राहम चार राजाओं तैं मारि के लौटि छो, तब मलिकिसिदक याजक वे तैं मिली अर वे तैं आशीष द्ये, अब्राहम ल मलिकिसिदक याजक तैं युद्ध मा जितण का बाद जु कुछ भि मिली छो, वेल वीं सभि चीजों कु दसवां हिस्सा (दशमांश) द्ये छो। जैको न त बुबा, न ब्वे, न वंशावली च, जै की न त दिनों की शुरुआत अर न जीवन कु अन्त च; पर पिता परमेश्वर का नौंनो का स्वरूप ठैरी कै उ हमेशा कु याजक बणयुं रै।