वे बगत बट्टी यीशु अपड़ा चेलों तैं सिखौंण लगि गै, “कि जरूरी च कि मि यरूशलेम शहर कु जौं अर दाना-सयाणों का अर प्रधान याजक अर मूसा की व्यवस्था तैं सिखांण वलो का हथ से भौत दुःख उठै के मरै जौं अर तिसरा दिन ज्यूँदो हवे जौं।”
अर वेल बोलि, “मि मनिख कु नौंनो कु जरूरी च कि उ भौत दुःख उठौ अर लुखुं का दाना-सयाणों, प्रधान याजक अर मूसा की व्यवस्था तैं सिखांण वलो वे तैं तुच्छ जांणि के मारि दयूंनु अर उ तीन दिन का बाद फिर ज्यूँदो हवे जालो।”
तब यीशु अपड़ा चेलों तैं सिखौंण लगि गै, “कि मि मनिख का नौंनो तैं जरूरी च कि उ भौत दुःख उठौ अर लुखुं का दाना-सयाणों अर प्रधान याजक अर मूसा की व्यवस्था तैं सिखांण वलो वे तैं तुच्छ जांणि के मारि दयूंनु अर उ तीन दिन का बाद मौत से फिर ज्यूँदो हवे जालो।”
इलै की यशायाह परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वला कु वचन पूरा हो जु वेल बोलि छा। “हे प्रभु, कैल हमारा संदेश पर विश्वास नि कैरी? अर कुई नि समझदु च की यु तेरी पराक्रमी सामर्थ छै? अर परमेश्वर की भुजबल कै पर प्रगट हवे
फिर वेल बारहों तैं दगड़ा लिजै के ऊंमा बोलि, “देखा यरूशलेम शहर जांदी बगत बट्टा मा जथग बात मि मनिख कु नौंनो का बार मा परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वलो ल लिखीं छिन ऊं सभि पूरी होलि।”
ध्यान से सूंणा हम यरूशलेम शहर का जनै जांणा छा अर मि मनिख कु नौंनो प्रधान याजक अर मूसा की व्यवस्था तैं सिखांण वलो का हथ पकड़वये जौलु अर उ मि तैं मौत का लैख ठैराला अर अन्यजातियों का हथ मा सौंपी द्याला।
किलैकि यीशु अपड़ा चेलों का दगड़ी मा और रांण चयणु छो अर ऊं तैं और शिक्षा दींण चांणु छो ऊंकु बुल्द छो कि “मि मनिख कु नौंनो मनिख्युं का हथ बट्टी पकड़वे जालो अर ऊंल मि तैं मारि दींण अर फिर मिल मौत का तीन दिन बाद ज्यूँदो हवे जांण।”