23 अर कैल वेमा पूछि, “क्य परमेश्वर कुछ ही लुखुं तैं अनन्तकाल का दण्ड बट्टी उद्धार करलो?”
23 तब कै मनखि न वे बटि पूछी, “प्रभु, क्या कुछ ही लोगु तैं बचयै जालु?”
किलैकि संकुरु च उ फाटक अर कठिन च उ बट्टो जु अनन्त जीवन कु पौंछौदु अर कुछ ही छिन जु वे तैं पौदींनि।
किलैकि बुलयां त भौत छिनी पर चुणयां थोड़ा ही छिन।
पर भौत सैरा लोग छिनी जु अभि महान छिन ऊं तैं तब नम्र बणये जालो अर जु नम्र छिन ऊं तैं महान बण जाला।
जब चेलों ल यु सूंणि त उ भैचक हवे के आपस मा बुल्ण लगि गै की यांको मतलब च की कै तैं भि पापों का दंड बट्टी उद्धार नि मिल सकद।
उ शहर-शहर अर गौं-गौं अपड़ा चेलों का दगड़ी हवे के उपदेश दींद यरूशलेम शहर जनै जांणु छो।
परमेश्वर का राज्य मा प्रवेश कनु कु यत्न कैरा, किलैकि परमेश्वर का राज्य मा प्रवेश कन संगड़ा द्वार बट्टी प्रवेश कन का जन च मि तुम मा बुल्णु छौं, की भौत सा लोग प्रवेश कन चाला पर नि कैर सकदा।