लूका 12:37 - गढवली नयो नियम37 धन्य च उ दास जौं तैं स्वामी ऐ के ऊंका वापिस आणौं कु जुगाल करद हो मि तुम मा सच बुल्णु छौं, कि एक सेवक का जन कपड़ा पैनिकै ऊं तैं खांणु खाणों कु बैठालो अर संमणी ऐ के वेकी सेवा करलो। Gade chapit laGarhwali37 अर धन्य छिन ऊ नौकर जौं तैं ऊंको मालिक औन्द का बगत बिज्युं देखो, अर मि तुम बटि सच्च बोन्नु छौं, कि मालिक अपणी कमर कसी के ऊंकी सेवा करलु अर खाणुक खाणु कू बैठालु, अर ऊं खुणि खाणुक परोसलु। Gade chapit la |
दुबरा मिल स्वर्ग बट्टी कै तैं बुल्द सूंणि अर वेल मि बट्टी बोलि; यूं बातों तैं इख लिख अब बट्टी, उ लोग धन्य छिनी जु पिता परमेश्वर पर भरोसो कैरी के मोरि जंदींनि। तब पवित्र आत्मा यां बट्टी सहमत हवे, वेल बोलि, “यु सच च, उ धन्य छिनी किलैकि उ अपड़ा कठिन मेहनत बट्टी आराम पाला अर जु काम ऊंल करिनि ऊं तैं वांको प्रतिफल दिये जालो।”
दुष्टात्माओं का शासकों तैं अर ऊंकी सेनाओं तैं वीं जगह पर कठ्ठा कैरी जै तैं इब्रानी भाषा मा हर-मगिदोन बुल्दींनि। इलै प्रभु यीशु ल बोलि, “य बात सूंणा। मेरू आंण चोर का जन अचानक होलो। धन्य च उ आदिम जु मेरा आंण पर बिज्यूं हो, अर अपड़ा कपड़ोंं तैं तैयार रखो। तब उ नंगी नि होला अर कुछ भि ऊं तैं शर्मिंदा नि करलो चाहे उ भैर भौत स लुखुं का बीच मा भि किलै नि जौं।”