33 पर एक सामरी जाति को एक आदिम जख घायल आदिम छो ऊख ऐ निकली, अर वे तैं देखि के तरस खै।
33 “अर एक सामरी मनखि भि वे बाटा बटि ऐ, अर जब वेन ये मनखि तैं देखि त वेका मन मा बड़ु तरस ऐ।
वीं देखि के प्रभु दया से भरि गै अर वेल इन बोलि, नि रु।
इलै की जन मिल त्वे पर दया कैरी, जन मिल त्वे पर दया दिखै अर तेरु कर्ज़ तैं माफ कैर दिया?
यीशु ल बारह चेलों तैं पैली ही इन आज्ञा दे के भेजि, “अन्यजातियों कि तरपां नि ज्यां अर सामरी जाति मा नि ज्यां।”
यु सूंणि के यहूदियों ल वेमा बोलि, हम यु कन मा ठिक छा कि तु एक सामरी जाति कु छै अर त्वे मा एक दुष्टात्मा च?
वीं सामरी जाति की जनन ल वेमा बोलि, तु एक यहूदी छै अर मि एक सामरी जनन छों तु मि बट्टी पांणी किलै मंगणी छै? किलैकि यहूदियों अर सामरियों का दगड़ी कुछ भि बरतौ नि रखदा छा।
उन ही एक लेवि जु यहूदी मंदिर मा काम करदो छो उ वे जगह मा ऐ उ भि वे तैं देखि के बगैर वेकी मदद कैरी के दुसरी तरपां बट्टी अगनैं चलि गै।
अर वेका संमणी ऐ के अर वेका घावों पर जैतून को तेल अर दाखमधु डाली अर फिर वेका घावों पर पट्टी बंधि अर अपड़ी सवारी पर चड़ै के धर्मशाला मा लीगि अर वेकी सेवा टहल कैरी।