यूहन्ना 16:21 - गढवली नयो नियम21 जब जनन कु जन्म दींणु कु बगत औंद, त उ भौत पिड़ा मा हूंदी त वीं तैं पिड़ा हूंदी, किलैकि वींकी पिड़ा का बगत ऐ गै, पर तब उ नौंनो तैं जन्म दे दींदी त यु आनन्द बट्टी की जगत मा एक मनिख पैदा हवे, इलै उ जनन वीं पिड़ा तैं भूल जांदी। Gade chapit laGarhwali21 अर जब कै जनानि तैं परसव की पीड़ा होन्दी त वींतैं बड़ु दुख होन्दु, किलैकि वींको बच्चा पैदा करण को बगत ऐ गै। पर जब वा बच्चा तैं जनम दे देन्दी, तब वा अपणी वीं पीड़ा तैं बिसरी जान्दी, किलैकि वींतैं ईं बात की खुशी होन्दी, कि दुनियां मा एक बच्चा पैदा ह्वे गै। Gade chapit la |
किलैकि पिता परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च, “हे बांझ जनन, तु जींल कभी भि बच्चा तैं जन्म नि दींनि, तिल बच्चा का दर्द की पिड़ा तैं अनुभव नि कैरी; आनन्द बट्टी पुकार अर ऊंची आवाज बट्टी चिल्लो, किलैकि उ जनन जैका आदिम का वीं तैं छोड़ द्ये की सन्तान, वीं जनन की सन्तान, जु अपड़ा आदिम का दगड़ी रौंदी, वीं जनन की सन्तान बट्टी जादा च।”