गलातियों 4:27 - गढवली नयो नियम27 किलैकि पिता परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च, “हे बांझ जनन, तु जींल कभी भि बच्चा तैं जन्म नि दींनि, तिल बच्चा का दर्द की पिड़ा तैं अनुभव नि कैरी; आनन्द बट्टी पुकार अर ऊंची आवाज बट्टी चिल्लो, किलैकि उ जनन जैका आदिम का वीं तैं छोड़ द्ये की सन्तान, वीं जनन की सन्तान, जु अपड़ा आदिम का दगड़ी रौंदी, वीं जनन की सन्तान बट्टी जादा च।” Gade chapit laGarhwali27 किलैकि पवित्रशास्त्र मा इन लिख्यूं च कि, “हे बाँझ, तू आनन्द मणौ किलैकि तिन बच्चा तैं जनम नि दिनी। अर खुश हो अर परमेस्वर खुणि धन्यवाद का गीत गा, किलैकि तिन कभि भि परसव की पीड़ा नि सै, मगर अब तेरा पास वीं जनानि से जादा बच्चा होला जिं का पास पति होन्दु।” Gade chapit la |