अर ईं दुनिया का लुखुं का जन नि बंणा; पर अपड़ा सुचणा का ढंग तैं पिता परमेश्वर कु बदली द्या, ज्यां बट्टी तुम परमेश्वर की भलि, अर लुभौण, अर सिद्ध मनसा तैं मालुम करदी रावा।
इलै जै दिन बट्टी हम ल यु सूंणि, त हम भि तुम कु प्रार्थना कना छा कि पिता परमेश्वर को आत्मा तुम तैं ज्ञान अर समझ द्यो कि तुम वेकी इच्छा तैं पूरा ढंग से समझी साका।
यांका बदला, उ आदिम अपड़ो जीवन ईं धरती पर अपड़ो पूरो जीवन अपड़ी पापमय मानवीय इच्छाओं तैं पूरो करदी नि जियो, पर उ व ही करलो जु पिता परमेश्वर चांदो कि उ कैरो।
इलै कुई वेकी इच्छा पर चलण चांदो उ जांणि ल्यो की मेरी शिक्षा परमेश्वर की तरपां बट्टी औंद या मेरा अपड़ा अधिकार बट्टी न, या मेरा अपड़ी तरपां बट्टी नि बुल्द।