कुलुसी 4:6 - गढवली नयो नियम6 तुम्हरी बात सदनी नम्र अर सुणन मा अच्छी हो, कि तुम तैं हरेक मनिख तैं जवाब दींण ऐ जौं कि तुम क्य विश्वास करद्यां। Gade chapit laGarhwali6 अर बात-चित करण मा तुमतै दीन होण चयेणु, ताकि तुमरि बात सभ्यों तैं अच्छी लगौ, अर तुमतै हरेक बात को जबाब देण भि औण चयेणु। Gade chapit la |
पर अपड़ा मनों मा मसीह कु आदर-सत्कार रखा, अर प्रभु का रूप मा वे तैं सम्मान द्या, अर हमेशा हर कै तैं जवाब दींणु कु तैयार रावा जु तुम बट्टी वीं आस तैं समझणु कु पुछदींनि जु सैरा विश्वासी कठ्ठा करदींनि, पर यु तुम नम्र अर सम्मान का दगड़ी कैरा। हमेशा उ ही कैरा जु सही च। फिर जु लोग तुम्हरा विरुद्ध बुरो बुल्दींनि, त उ ही शर्मिंदा होला जब उ मसीह का दगड़ी तुम्हरा सम्बंध का कारण तुम्हरो अच्छो बरतौ तैं दिखला।