कुलुसी 4:10 - गढवली नयो नियम10 अरिस्तर्खुस जु मि दगड़ी जेलखना मा कैद च, अर मरकुस जु बरनबास कु भंणजो लगदो तुम कु प्रणाम बुल्णु च। जैका बारा मा तुम तैं पैली बट्टी ही मालूम च, कि जु उ तुम मा औ त वे दगड़ी अच्छो बरतौ करयां। Gade chapit laGarhwali10 अर मेरा दगड़ा कैद होयां अरिस्तर्खुस भै कि तरफा बटि अर मरकुस भै कि तरफा बटि भि तुमतै सलाम, अर मरकुस रिश्ता मा बरनबास को भै लगदु। (अर मरकुस का बारा मा तुमतै इन बतये गै छौ, कि वेको स्वागत बड़ा अच्छे कर्यां)। Gade chapit la |