खास चेलों 18:27 - गढवली नयो नियम27 जब वेल ठांणी दींनि कि पल्या छाला उतरी के अखाया प्रान्त जौं त विश्वासी भयों ल वे तैं जांण कु प्रोत्साहित कैरी चेलों कु लिखीं कि उ वे तैं अच्छी तरौं से मिलुनु, अर वेल उख पौंछि के ऊं लुखुं कि भौत मदद कैरी जौनु पिता परमेश्वर की दया मिलण से विश्वास कैरी छो। Gade chapit laGarhwali27 अर अप्पुलोस की मनसा छै कि वु समुन्दर का दुसरा छाला अखया मुलक मा जौ। इलै बिस्वासी भै-बैंणो न वेको हौसला बढै, अर अखया का बिस्वासी भै-बैंणो कू चिठ्ठी लिखी के बतै कि वेको स्वागत बड़ा प्यार से किये जौ। अर जब अप्पुलोस इख पौंछी, त इख पौंछण पर अखया का जौं लोगु न प्रभु की बड़ी किरपा की वजै से बिस्वास कैरी छौ, वेन ऊं बिस्वासी लोगु की भौत मदद कैरी। Gade chapit la |
यांका बाद पौलुस कुछ बगत तक कुरिन्थुस शहर मा रै, फिर वे विश्वासी भयों बट्टी विदा हवे के नजदीक का किंख्रिया शहर मा चलि गै। उख जै के पौलुस ल यहूदी रीति का अनुसार अपड़ा मुंडन कैरे दींनि, ईं रीति का अनुसार वेल अपड़ी सौं पूरी कैरी। फिर जहाज मा बैठी के सीरिया प्रदेश चलि गै अर प्रिस्किल्ला अर अक्विला तैं अफ दगड़ी ली गै।
मि तुम तैं पिता परमेश्वर कु वचन बतांण वलो पैली आदिम छों, इलै मि एक इन आदिम जन छों जैल बीज लगै; वेका बाद, अपुल्लोस ल तुम तैं तुम्हरा विश्वास मा मजबूत बनण मा मदद कैरी, ठिक उन ही जन कि कुई दुसरो आदिम ऊं पौधों तैं पांणी डल्द जु अब बढण लगि गैनी। पर पिता परमेश्वर ल तुम तैं नयो जीवन दींनि अर इन कै तुम आत्मिकता मा बढ़णा छा, जन पिता परमेश्वर पौधों तैं बढांद।