यु जांणि लय की हमारो प्रभु हमारा प्रति धीरज रखदु, वेको कारण यु च कि उ लुखुं तैं पछतौ कनु को बगत दींण चांद कि उ ऊं तैं उद्धार दे साक। जब हमारा प्रिय दगड़िया-विश्वासी पौलुस ल, जै बट्टी हम प्रेम करदा, तुम तैं वे ज्ञान को इस्तेमाल कन चयणु च जु पिता परमेश्वर ल वे तैं द्ये, त वेल भि तुम तैं यु ही बात बतै, जु मिल तुम तैं बतै।