खास चेलों 14:15 - गढवली नयो नियम15 “हे लुखुं, तुम क्य कना छा? हम भि त तुम जन दुख-सुख भुगण वला आदिम छा, अर तुम तैं शुभ सन्देश प्रचार सुनांणा छा, कि तुम यूं बेकार की चीजों बट्टी दूर हवे के ज्यून्दा पिता परमेश्वर की तरपां आ। वेल ही आसमान अर धरती अर जु कुछ वां मा च सभि कुछ बणये। Gade chapit laGarhwali15 अरे भैयों, रुका-रुका, तुम यू क्या कना छाँ? हम भि त तुमरि तरौं मनखि छां। अर तुमतै यू शुभ समाचार सुनौणा छां ताकि तुम यों सब बेकार की चीजों से दूर रै सैका, अर ज्यून्दा परमेस्वर की तरफा ह्वे जा, जैन यू आसमान या धरती अर समुन्दर अर जु कुछ भि यों मा च उ सब कुछ बणै। Gade chapit la |
जब मिल सूंणि जु मि बट्टी बात कनु छो, त मि वेकी आराधना कनु कु, वे आदिम का संमणी झुकि ग्यों। वेल मि कु बोलि, “मि तैं प्रणाम नि कैर।” मि भस पिता परमेश्वर को एक सेवक छो जन तू छै अर तेरा विश्वासी भयों का जन जु यीशु का द्वारा प्रकट किये गै सच्ची शिक्षाओं पर विश्वास करदींनि अर मणदींनि। भस पिता परमेश्वर ही च जै की त्वे तैं महिमा कन चयणी च। किलैकि परमेश्वर आत्मा च जु पिता परमेश्वर का लुखुं तैं यीशु का द्वारा बतये गै अर सत्य कु प्रचार कना का योग्य बणद।