2 कुरिन्थि 9:5 - गढवली नयो नियम5 इलै मिल विश्वासी भयों बट्टी इन बिनती कन जरूरी समझी कि उ पैली बट्टी तुम मा जां, अर तुमारा उदारता का फल ज्यांका बारा मा पैली बट्टी वचन दिये गै छो, तैयार कैरी के रखा, कि यु जोर-जबरदस्ती से न बल्कि उदारता की आशीष का जन तैयार हो। Gade chapit laGarhwali5 इलै मिन यू जरुरी समझि, कि पैलि मि तीतुस अर वेका दगड़ा मा दुई और भैयों तैं तुमरा पास भेजूँ, ताकि वु ऐके तुम बटि मिला। अर तुमरा दगड़ा मा मिली के वु दान तैं इकट्ठा करण मा तुमरि मदद कैरा, जैको करार तुमुन पैलि हमरा दगड़ा मा कैरी छौ। अर जब सब कुछ पैलि बटि तयार रालु, त हमरा पौंछण पर मेरा दगड़ा मा अयां बिस्वासी लोग दिखला कि तुमुन सच्चि मा मदद खुणि दान दियूं च, अर या खुणि कैन भि तुमतै मजबूर नि कैरी। Gade chapit la |