2 कुरिन्थि 8:3 - गढवली नयो नियम3 अर ऊंका बारा मा मेरी य गव्है च, कि ऊंल अपड़ी सामर्थ से भि बड़ी के अपड़ा मन से दान द्ये। Gade chapit laGarhwali3 अर ईं बात का बारा मा मि तुमतै बतै देन्दु कि ऊंन अपणी हैसियत का मुताबिक दिनी, बल्किन मा जथगा ऊंका पास छौ ऊंन वेसे जादा ही दिनी, अर यू सब कुछ ऊंन अपणी मनसा का मुताबिक कैरी। Gade chapit la |
जन के चरवाहा अपड़ा ढिबरों की रखवली करद, उन ही तुम तैं भि हर एक की रखवली कन चयणी च जन पिता परमेश्वर ल तुम तैं देखभाल मा रखि। इन तुम अपड़ी इच्छा ल कैरा, किलैकि पिता परमेश्वर यु ही चांद कि तुम इन ही कैरा। इन भस इलै नि कैरा किलैकि तुम तैं इन कनु कु मजबूर किये गै। यु काम इलै नि कैरा किलैकि तुम धन कमौण चदयां पर पिता परमेश्वर अर लुखुं की सेवा कने की इच्छा का दगड़ी किया कैरा।
उदाहरण कु, जु तुम मा प्रचार कनु को वरदान च, त तुम तैं पिता परमेश्वर का संदेशों तैं प्रचार कन चयणु च, जु तुम मा दुसरा लुखुं की मदद कनु को वरदान च, त यु वे सामर्थ का दगड़ी कैरा जु पिता परमेश्वर तुम तैं दींद। त फिर जु कुछ भि तुम करला उ यीशु मसीह का द्वारा पिता परमेश्वर तैं महिमा दयालो। सैरी महिमा अर सामर्थ हमेशा-हमेशा कु पिता परमेश्वर की ही हो! आमीन।