2 कुरिन्थि 7:12 - गढवली नयो नियम12 फिर मिल जु गम्भीर चिठ्ठी तुम तैं लिखीं छो, उ न त वेका कारण लिखीं, जैल अन्यो कैरी, अर न वेका कारण जै पर अन्यो किये गै, पर इलै कि तुम्हरी उत्सुकता जु हम कु च, उ पिता परमेश्वर का संमणी तुम पर प्रगट हवे जौं। Gade chapit laGarhwali12 अर ज्वा चिठ्ठी मिन पैलि भेजि वा मिन वे आदिम की वजै से नि भेजि छै जैन बुरु काम कैरी छौ, अर ना ही वेकी वजै से लिखी जैका दगड़ा मा अन्यो ह्वे छौ। बल्किन मा मिन इलै लिखी छै ताकि परमेस्वर का समणि यू साबित ह्वे जौ कि तुम हमरि बात को पालन करणु खुणि कन्दरि इच्छा रखद्यां। Gade chapit la |