2 कुरिन्थि 5:14 - गढवली नयो नियम14 किलैकि मसीह कु प्रेम हम तैं चलौंद; इलै कि हम निश्चित छा, कि एक आदिम सभि लुखुं कु मोरि गै, इलै सभि लोग मोरि गैनी। Gade chapit laGarhwali14-15 हे मेरा दगड़्यों, यीशु मसीह को प्यार हमतै मजबूर करदु, ताकि हम सब भलै का काम कैरा। अर हम जणदा ही छां कि एक यीशु मसीह ही च जु कि सब लोगु का खातिर मरे गै, अर मौत की ज्वा सजा हमतै मिलण वळी छै वा वेन खुद सै दिनी। अर अब हमरु यू फरज बणदु कि हम सभ्या का सभि अपणा-अपणा फैदा खुणि जीवन नि ज्या, बल्किन मा हमतै यीशु मसीह का मुताबिक अपणु-अपणु जीवन जीण चयेणु, जैतैं पिता परमेस्वर न मुरदो मा बटि ज्यून्द कैरी। Gade chapit la |
पर आदम कु पाप वे वरदान का जन नि च जु पिता परमेश्वर हम तैं अपड़ा दया ल दींद। किलैकि एक मनिख कु पाप भौत लुखुं कु मृत्यु ले के ऐ पर परमेश्वर कि दया अर धार्मिकता कु वरदान जु वेल हम तैं द्ये, वेको दाम भौत लुखुं कु वे बट्टी कई जादा च। अर यीशु मसीह ल एक मनिख का रूप मा अपड़ी दया बट्टी जु कैरी, वेल यु तैं सम्भव कैरी।
जब मूसा की व्यवस्था ज्वा ढुंगा की पठालों पर लिखीं छै, दिये गै, वे बगत पिता परमेश्वर की महिमा दिखै द्ये; इस्राएल का लोग लंबा बगत तक मूसा का मुक तैं नि देखि सकिनि किलैकि उ चमकणु छो, जबकि य चमक जादा लम्बा बगत तक नि रै; इलै जु मूसा की व्यवस्था पर जुड़ीं सेवकाई मौत का तरपां लिजांदी त, जै की य महिमा च त वेकी आत्मा सेवकाई की महिमा बट्टी और जादा होली।