2 कुरिन्थि 5:1 - गढवली नयो नियम1 किलैकि हम जंणदा छा, कि जु धरती पर कु हमारो यु अस्थायी देह नाश हवे जौं त हम तैं पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी स्वर्ग मा एक इन देह मिललि, जु मनिख्युं का हथों बट्टी बंणि देह न पर चिरस्थाई च। Gade chapit laGarhwali1 हम जणदा छां कि ईं दुनियां मा हमरु सरील एक तम्बू की तरौं च, जैको कुई ठौ-ठिकाणु नि च अर एक दिन येको नास ह्वे जाण। मगर स्वर्ग मा हमरा पास पिता परमेस्वर की तरफा बटि मिलण वळु एक इन्द्रयो सरील होलु जैन सदनि तक रौण। अर यू सरील एक इन्द्रया तम्बू की तरौं च, जु कि मनखि का द्वारा ना पर पिता परमेस्वर का द्वारा बणयूं च। Gade chapit la |