2 कुरिन्थि 12:18 - गढवली नयो नियम18 मिल तीतुस अर दुसरा भैय तैं समझै के भेजि, त क्य तीतुस ल धोखा दे के तुम बट्टी कुछ लये? क्य हम एक ही उद्देश्य का चलाए नि चल्यां? क्य एक ही जन काम नि कैरी? Gade chapit laGarhwali18 अर मिन तीतुस भै तैं समझै-बुझै के तुमरा पास भेजि, अर वेका दगड़ा मा एक और भै तैं भि भेजि त अब मितैं एक बात बता, कि जब तीतुस भै उख पौंछी त क्या वेन तुमरा दगड़ा मा छल-कपट कैरिके तुमतै ठगि? मगर मि अर तीतुस भै हमेसा तुम सभ्यों खुणि बड़ी इमानदारी से काम करद्यां। Gade chapit la |