इफिसुस शहर मा, मेरा दुश्मन भींगरियां जानवरों का जन छिनी, जु मि तैं नुकसान पौछांण चयदींनि; मि अभि भि यु सब किलै सैणु छों, जु मेरू प्रतिफल ईं दुनिया कु छै ही च, जु यु सच हूंदो, कि मि तैं आखरी दिनों मा फिर से ज्यूँदो नि किये जालो, त मि कु बढ़िया हूंद, कि मि मौज उड़ांदू, जन कि य मिसाल च, “आवा हम खां-पयां किलैकि शायद भोल हम मोरि जां अर हमारो अंत हवे जौं।”