1 कुरिन्थि 9:7 - गढवली नयो नियम7 एक सिपै तैं कभी भि अपड़ो खर्च अफी नि दींण पुड़दो; जब एक आदिम अंगूरों कु बगिचा लगौंद, त वे तैं वेको फल खांणो कु भि अधिकार हूंद; अर एक चरवाहा तैं अपड़ी ढिबरों बट्टी दूध पींणो कु भि अधिकार हूंद। Gade chapit laGarhwali7 अर इन्द्रयो सिपै कु च, जु सेवा मा हो मगर अपणु खर्च खुद ही उठौन्दु हो? अर इन्द्रयो मनखि कु च, जु अंगूर का बगिचा बणवौ, मगर वेका फल नि खौऽ? या इन्द्रयो चरवाह कु च जु भेड़ों की देखभाल करदु हो, मगर ऊंको दूद नि पीन्दु हो? Gade chapit la |
जन के चरवाहा अपड़ा ढिबरों की रखवली करद, उन ही तुम तैं भि हर एक की रखवली कन चयणी च जन पिता परमेश्वर ल तुम तैं देखभाल मा रखि। इन तुम अपड़ी इच्छा ल कैरा, किलैकि पिता परमेश्वर यु ही चांद कि तुम इन ही कैरा। इन भस इलै नि कैरा किलैकि तुम तैं इन कनु कु मजबूर किये गै। यु काम इलै नि कैरा किलैकि तुम धन कमौण चदयां पर पिता परमेश्वर अर लुखुं की सेवा कने की इच्छा का दगड़ी किया कैरा।