1 कुरिन्थि 7:2 - गढवली नयो नियम2 पर व्यभिचार की अजमैश मा पुडण से बढ़िया च, कि हर आदिम ब्यो कैरी ल्यो, अर अपड़ी जनन दगड़ी वफादार रौ। Gade chapit laGarhwali2 मि तुमतै बतै देन्दु, कि या बात अच्छी होलि कि हरेक बैख की अपणी घरवळी, अर ठिक उन्नि हरेक जनानि को अपणु पति हो, किलैकि ईं दुनियां मा सरील का सम्बन्ध रखणु खुणि भौत सा गळत विचार निकळि के ऐ गैनी। Gade chapit la |